संरचनाओं की परिभाषा तथा प्रकार
भाषा, भाव और विचार अभिव्यक्ति के साधन हैं। विविध प्रकार के भावों और विचारों को व्यक्त करने के लिए हम विविध प्रकार से वाक्य संरचनाएँ निर्मित करते हैं। कभी हम किसी को आज्ञा देते हैं, तो कभी विनम्रतापूर्वक अपनी समस्या का समाधान करने के लिए प्रार्थना या अनुरोध करते हैं। कभी उपदेश देते हैं तथा कभी किसी कार्य के लिए निषेध करना पड़ता है। कभी अपनी आकांक्षा प्रकट करते हैं तो कभी मनोभाव को करुणार्द्र स्वर में सुनाते हैं।
कभी कार्य कारण का कथन तो कभी दिशा, स्थान या काल का बोध कराने वाले वाक्यों का प्रयोग करते हैं। ये विविध भावमूलक अभिव्यक्तियाँ ही विविध संरचनाएँ कहलाती हैं।
विविध भावों को जिन विविध प्रकार की वाक्य संरचना से प्रकट किया जाता है, उन्हें विविध संरचनाएँ कहते हैं।
मुख्यतः निम्नलिखित विविध संरचनाओं का प्रयोग किया जाता है -
(1) विनम्रतासूचक
(2) विधिसूचक
(3) निषेधसूचक
(4) कालबोधक
(5) स्थानबोधक
(6) दिशा बोधक
(7) कारण कार्य सम्बन्ध सूचक
(8) अनुक्रम।